



विभागीय सांठगांठ से ठेकेदार को हो गया भुगतान, अब होगी बसूली
आर. बी. लाल
टेलीग्राम संवाद, बरेली। पावर कॉरपोरेशन में इन दोनों राम नाम पर लूट हो रही है। विभाग में कहावत चल रही है, लूट सको तो लूट लो… नहीं तो फिर पछताओगे। ज्यादातर स्थानों पर भूमिगत केबिल साथ एचडीपीई पाइप नहीं बिछाया गया है। सनसिटी विस्तार क्षेत्र में भौतिक सत्यापन में गड़बड़ी सामने आई तब आनन-फानन में चीफ इंजीनियर ने एक अवर अभियंता निलंबित कर दिया। खाली चल रहे अधीक्षण अभियंता नगर पद पर चीफ इंजीनियर ने वैकल्पिक तौर पर ज्ञानेंद्र सिंह को चार्ज दिला दिया है। यह कार्रवाई पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक से ठीक एक दिन पूर्व हुई है। मामला ऊपर तक पहुंचने पर जांच शुरू हो गई है। जिससे विभाग में हड़कंप बचा हुआ है।

विभाग में आजकल विभिन्न योजनाओं में अरबों रुपए से कार्य हो रहे हैं। बरेली जिला भी इसमें शामिल है। जिलेभर में बिजनेस प्लान तो कहीं पर स्थानीय निकाय योजना से बिजली सुधार नेटवर्क कार्य हो रहे हैं। ज्यादा काम होने से लूटमार जैसी स्थिति मची हुई है। ज्यादा काम होने से किसी भौतिक सत्यापन तक नहीं हो रहा है। सिर्फ कमीशनबाजी पर जोर है। बजट में सामग्री इतनी ज्यादा आ गई है कि इसका इस्तेमाल तक नहीं हो पा रहा है। सामान इधर-उधर किया जा रहा है। तमाम स्थानों पर भूमिगत लाइनों में एचडीपीई पाइप नदारद है। एक शिकायत होने पर सनसिटी विस्तार उपकेंद्र क्षेत्र में जांच पड़ताल हुई तो पता चला कि 1200 मीटर एचडीपीई पाइप नदारद है। जबकि 295 मीटर 11 केवीए केबिल बिछाया ही नहीं यानी बाजार में बेंच दिया गया।
विभागीय जानकारों ने बताया कि एचडीपीई पाइप और केबिल बचाने के मामले में जिले भर में करोड़ों रुपए की हेरा फेरी हुई है लेकिन इस पर लीपा पोती कर दी गई है। हालांकि तमाम शिकायतें चीफ इंजीनियर कार्यालय तक पहुंची लेकिन सब दवा दी गई। पिछले दिनों शिकायत मिलने पर अधिशासी अभियंता चतुर्थ गौरव शुक्ला ने भौतिक सत्यापन कराया खुद मौके पर पहुंचे तब पता चला कि वहां पर लाखों रुपए कीमत का एचडीपीई पाइप और केबल गायब है। उन्होंने इसकी रिपोर्ट बनाकर चीफ इंजीनियर कार्यालय प्रेषित कर दी थी। बताया जाता है कुछ दिनों बाद इस पर कार्रवाई हुई। बताया जाता है विभागीय मिलीभगत से हुए भुगतान की वसूली संबंधित वसूली ठेकेदार से होगी।
अवर अभियंता पर गिरी गाज
सनसिटी विस्तार उप केंद्र में केबिल और पाइप नदारद होने पर अवर अभियंता अनिल कुमार निलंबित कर दिए गए हैं। बताया जाता है कि यह कार्रवाई मुख्य अभियंता बिजली विभाग बरेली द्वारा अधिशासी अभियंता गौरव शुक्ला द्वारा प्रस्तुत कार्रवाई पर हुई है। बताया जाता है कि अवर अभियंता द्वारा ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए एस्टीमेट भी स्वीकृत कर दिया। जिसका भुगतान भी विभाग द्वारा किया जा चुका है।
बताया जाता है कुतुबखाना उपकेंद्र क्षेत्र में भी पाइप और केबिल बिछाने में लाखों रुपए की हेरा फेरी हुई है। लेकिन अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम ने शिकायत मिलने पर भी कोई सत्यापन कार्य नहीं किया है।
चीफ इंजीनियर ने किया सस्पेंड
कारपोरेशन में कार्रवाई की गई,मुख्य अभियंता ने बिना काम कराए ठेकेदार को लाखों रूपये का भुगतान करने वाले अवर अभियंता अनिल कुमार को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के दौरान उन्हें अधिशासी अभियंता नगरीय खण्ड द्वितीय से संबद्व किया गया है। मुख्य अभियंता रणविजय सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि अनिल कुमार अवर अभियंता ने बगैर एचडीपीई पाइप और कम केबल के बाद भी ठेकेदार को भुगतान कर दिया।
कार्रवाई बाद मचा हड़कंप
अवर अभियंता अनिल कुमार पर गाज गिरने के बाद कई और इंजीनियर भी रड़ार पर आ गये हैं। अन्य वितरण खंड में भी कार्रवाई का डर सता रहा है। कई ठेकेदारों ने लाइन के सिरों पर पांच से दस फिट एचडीपीई पाइप टुकड़े गड्ढा करके ठोंक दिए है। हालांकि अब ऐसे ठेकेदारों और इंजीनियरों में हड़कंप मच गया है। अगर मामले की जांच सही से हुई तो कई अन्य इंजीनियर फंसना तय है।

