भगवान श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह में झूमे भक्त, हुआ मंगलगान

आशीष रॉयल पार्क में श्रीमद् भागवत कथा आयोजन, भंडारा मंगलवार दोपहर

पंडित मुकेश मिश्रा

टेलीग्रामसंवाद ,बरेली।आशीष रॉयल पार्क में श्रीमद् भागवत कथा छठवें दिन भी जारी रही। रविवार शाम आयोजित कार्यक्रम में श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह हुआ। सोमवार शाम 5:00 बजे से कथा प्रारंभ होगी और इस दिन विश्राम भी होगा। अगले दिन मंगलवार दोपहर भंडारा होगा।

भागवत कथा व्यास पीठ पर कथावाचक महामंडलेश्वर अमृतदास खाकी महाराज ने पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत, भागवत के पंच प्राण हैं, जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है। वह भव पार हो जाता है। उसे वृंदावन भक्ति सहज प्राप्त हो जाती हैं। महाराज ने कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, उद्धव-गोपी संवाद, द्वारका की स्थापना, रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया। आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति आवश्यक हैं। भगवत प्राप्ति के लिए निश्चय और परिश्रम भी जरूरी हैं। भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया।

कथा में भक्तिमय संगीत ने श्रोताओं को आनंद से अभिभूत किया। उन्होंने कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी विवाह उत्सव में शामिल होते हैं, उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। कथावाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण-रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती हैं। कथा वाचक ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश हैं।
महाराज ने सभी श्रद्धालुओं से राष्ट्रभक्ति को मजबूत करने का आह्वान किया। व्यास मंच पर पूजा मुख्य यजमान देवव्रत मिश्रा ने सपत्नीक किया। आचार्य विकास उपाध्याय शास्त्री ने वेद मंत्रोचार से पूजन संपन्न कराया। इस दौरानआचार्य उमंग दीक्षित, आचार्य मुकेश मिश्रा, रोहित पांडेय, मुकुल मिश्र, देवदत्त मिश्रा, सुरेश चंद्र शर्मा, केएन सहगल आदि भक्तगण उपस्थित रहे।

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Author: Telegram Samvad