



एंटी करप्शन ने पकड़े थे रिश्वती जेई और संविदा कर्मी, जेल गए
आर बी लाल
बरेली, टेलीग्रामसंवाद। सुभाष नगर क्षेत्र में तैनात अवर अभियंता सूरज गुप्ता, उपखंड अधिकारी राम जगत वर्मा और संविदा कर्मी नरेश रावत रिश्वतखोरी मामले में फंस गए हैं।
एंटी करप्शन टीम ने इन तीनों थाना सुभाष नगर में एफआईआर दर्ज कराई है। टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए जेई और संविदा कर्मी को पकड़कर जेल रवाना कर दिया। अधीक्षण अभियंता नगर एके वशिष्ठ ने जानकारी मिलते ही शनिवार दोपहर अवर अभियंता को निलंबित कर संविदा कर्मी विभाग से हटा दिया। जबकि चीफ इंजीनियर कार्यालय ने दूसरे दिन भी अपने दायित्व नहीं निभाये।
जहां एक और हर कोई गणतंत्र दिवस मनाने में व्यस्त था, वहीं दूसरी ओर सुभाष नगर में रिश्वत संबंधी खेल हो रहा था। एंटी करप्शन रिश्वतखोर कर्मचारी रंगे हाथ पकड़ लिए। टीम द्वारा थाना सुभाष नगर में दी गई तहरीर में कहा है कि थाना सुभाष नगर क्षेत्र नवजीवन अपार्टमेंट में परमीत सिंह पुत्र रविंद्र सिंह निर्माण कार्य करा रहे थे। निर्माण कार्य हेतु उन्होंने अपने पड़ोसी से बिजली लाइन ले लिया। बताया जाता है कि जानकारी मिलने पर अवर अभियंता सूरज गुप्ता और उनके कारिन्दे वहां जा धमके। वहां पता चला पड़ोसी से कनेक्शन लेकर काम कराया जा रहा है। इन कर्मियों ने निर्माणकर्ता और कनेक्शन देने वाले दोनों को हड़काया और कहा कि यह गैर कानूनी है। चोरी में एफआईआर कराई जाएगी। आरोप है कि उन्होंने कहा 20,000 रुपये दे दो तो मामला रफा दफा कर देंगे। इतनी रकम परमजीत देने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा 5,000 रुपये ले लो। मामला किसी तरह एंटी करप्शन विभाग तक पहुंच गया।
बताया जाता है कि इसी सौदेबाजी में दो दिन बीत गए। इसकी जानकारी किसी उच्च अधिकारी को नहीं दी। जेई द्वारा पोर्टल पर इसे नहीं डाला गया। आरोपित परमजीत शुक्रवार दोपहर बिजली घर पहुंचा तो वहां बताया गया कि अब 25,000 लगेंगे तब उसने कहा कि मेरे पास अभी 5,000 हैं। यह ले लो बाकी बाद में हो जाएंगे जैसे ही रिश्वतखोर कर्मियों ने 5,000 रुपये जेब में रख लिये। नियोजित तरीके से तैनात टीम ने धर दबोचा। एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत की रकम बरामद कर ली। लेकिन इसी बीच वहां मौजूद एक आप्रेंटिस कर्मी हाथापाई करने पर उतारू हो गया। छापा टीम इन तीनों को थाने ले गई।
फोन ने खोला राज, एसडीओ भी फंसे
टीम द्वारा अवर सूरजपाल गुप्ता से पूछताछ करने पर पता चला कि इस प्रकरण में उपखंड अधिकारी राम जगत वर्मा भी शामिल हैं। आरोपी जेई ने बताया कि उसके पास ऑडियो रिकॉर्डिंग भी है जिसमें एसडीओ से लेनदेन संबंधी बात हुई है। एंटी करप्शन ने मोबाइल फोन पर हुई बातचीत भी अपने प्रमाण तौर पर सुरक्षित कर लिया। इसके बाद टीम ने थाना सुभाष नगर में एसडीओ, जेई और लाइनमैन पर मुकदमा दर्ज कराया।
जिससे अवर अभियंता सूरज गुप्ता और संविदा लाइन करनी नरेश रावत को जेल पहुंच गये। जबकि आरोपित एसडीओ फरार हैं।
अधीक्षण अभियंता ने दिखाई फुर्ती, जेई किया सस्पेंड,
चीफ इंजीनियर कार्यालय पीछे अधीक्षण अभियंता नगर अंबा प्रसाद वशिष्ठ ने मामला गंभीर मानते हुए दूसरे दिन दोपहर में ही रिश्वतखोर जेई तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। संविदा कर्मी को विभाग से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
चीफ इंजीनियर कार्यालय से नहीं हुई रिश्वतखोरों पर कार्रवाई
दो दिन बीतने पर भी मुख्य अभियंता बरेली जोन-प्रथम कार्यालय द्वारा रिश्वतखोरी मामले में कोई रुचि नहीं ली। बताया जाता है कि मामला किसी तरह रफादफा करने की कोशिश में व्यस्त रहा। चर्चा ज्यादा होने पर चीफ इंजीनियर कार्यालय ने शनिवार देर शाम मध्यांचल विद्युत निगम मुख्यालय मामला संदर्भित कर दिया। चीफ इंजीनियर कार्यालय द्वारा इस प्रकरण में कोई ठोस कार्रवाई न होने पर विभाग में खूब चर्चा हो रही है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि जो कर्मचारी किसी आरोप में फंस जाता है यानी रिपोर्ट दर्ज हो जाती है तब उसे 24 घंटे में निलंबित करना आवश्यक है लेकिन चीफ इंजीनियर कार्यालय द्वारा ऐसा नहीं किया गया। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि चीफ इंजीनियर एसडीओ स्तर अधिकारी पर कार्रवाई करने के लिए अधिकृत नहीं है। सवाल यह भी हो रहा है दिनभर शनिवार क्या होता रहा।
