बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया आदेश, तीन सप्ताह में देना होगा एफिडेविट
रबर फैक्ट्री संपत्ति पर स्थिति रहेगी यथावत
आर बी लाल
बरेली, टेलीग्रामसंवाद। पिछले 22 वर्षों से बंद पड़ी सिंथेटिक एंड केमिकल्स यानि रबर फैक्ट्री बरेली प्रकरण में उत्तर प्रदेश सरकार भी अधिकृत तौर पर पक्षकार होगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए यथावत स्थिति बनाए रखने संबंधी महत्वपूर्ण आदेश दिया है। करीब सात वर्षों से स्वामित्व पर विभिन्न प्लेटफार्म और अदालतों में मामला चल रहा था। लेकिन गुरूवार दोपहर राहत भरी खबर आयी तो पूर्व कर्मचारियों और श्रमिकों के चेहरे खिल उठे और उन्होंने खुशियां मनाईं।

हाईकोर्ट ने यह कहा…
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को लंबित प्रकरण की सुनवाई करते हुए कहा कि रबर फैक्ट्री बरेली स्वामित्व मामले में उत्तर प्रदेश सरकार भी पक्षकार होगी। कोर्ट ने यह भी कहा है, इसमें दो अन्य पक्षकार अलकेमिस्ट और रबर फैक्ट्री भी होगी। जबकि पुरुषोत्तम हिंदी भवन न्यास दिल्ली वादी पक्ष होगा।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि रबर फैक्ट्री बरेली जहां जैसा है वहां वैसा यानि वर्तमान स्थिति और व्यवस्था यथावत रहेगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार वह इस प्रकरण में तीन सप्ताह में अपना शपथ पत्र देना सुनिश्चित करे। बता दें, मौजूदा समय में रबर फैक्ट्री रिसीवर एनबी ठक्कर हैं। मामला निस्तारित होने तक श्री ठक्कर ही रबर फैक्ट्री संपत्तियां का रखरखाव आदि करेंगे।

मुंबई हाई कोर्ट से आए फैसले पर खुशी जताते हुए रबर फैक्ट्री कर्मचारी
अलकेमिस्ट ने किया गुमराह…
बताया जाता है कि इस पूरे प्रकरण में अलकेमिस्ट नामक कंपनी पिछले सात सालों से मामला उलझाए हुए है। डीआरटी लखनऊ और मुंबई में कंपनी द्वारा भ्रामक तथ्य रखे गए। यही नहीं बॉम्बे हाईकोर्ट से एक आदेश भी 19 अक्टूबर 2020 में जारी हो गया था, जिसमें कहा गया था कि रबर फैक्ट्री बरेली और गुजरात स्थित रबर फैक्ट्री मालिकानों की संपत्तियां बेचने और कब्जा अल्केमिस्ट दिया जाये। बताया जाता है कि अलकेमिस्ट ने नियोजित तरीके से अरबों रूपए की कीमती जमीन पर अपना मालिकाना हक, कब्जा और उसे बेचने की तैयारी कर ली थी।




Author: telegramsamvad
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