



टेलीग्राम न्यूज़ नेटवर्क
बरेली, टेलीग्रामसंवाद। प्रकृति और मानव से सीधा संबंध जोड़ने वाला गोवर्धन और अन्नकूट का पावन त्यौहार 14 नवंबर मंगलवार में मनाया जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन शोभन योग भी व्याप्त रहेगा। ऐसे में इस त्यौहार का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा। बता दे, इस योग में पूजा -अर्चना करने का प्रभाव अत्यधिक सकारात्मक माना जाता है। इससे सफलता, प्रसिद्धि और भौतिक प्रचुरता और सफलता सरलता से प्राप्त होती है। इस त्यौहार में भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान है। यही नहीं इस दिन 56 तरह के पकवान बनाकर श्रीकृष्ण को उनका भोग लगाया जाता है। इन पकवानों को ‘अन्नकूट’ कहा जाता है।

मान्यता है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी अंगुली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और मनुष्यों के जीवन को देवराज इंद्र के कोप से बचाया था। यानी भगवान कृष्ण ने देवराज के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। उस दिन से ही गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई। इसे अन्नकूट पर्व भी कहते हैं। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर उनकी पूजा करते हैं। अन्नकूट पर्व पर तरह-तरह के पकवानों से भगवान की पूजा का विधान है। अन्नकूट यानी कि अन्न का समूह। श्रद्धालु तरह-तरह की मिठाइयों और पकवानों से भगवान कृष्ण को भोग लगाते हैं। गोवर्धन पूजा के दिन बनने वाले अन्नकूट में कई सारी सब्ज़ियों को एक साथ मिलाकर, मिलीजुली सब्जी और कढ़ी-चावल,पूड़ी आदि बनाया जाती है। इसके बाद भगवान कृष्ण को इसका भोग लगाया जाता है और फिर प्रसाद के रूप में भक्तों में बांटा जाता है। खास बात तो यह है इस पर्व पर गाय के साथ-साथ अन्नपूर्णा माता की पूजा की जाती है। इससे घर में अन्न के भंडार भरे रहते हैं और जीवन की समस्त प्रतिकूलता समाप्त हो जाती है। यानी जीवन अनुकूल हो जाता है।
तिथिमान पूजन मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि की शुरुआत गत 13 नवंबर को मध्यान्ह 2:56 से हो गई जो 14 नवंबर को मध्यान 2:35 तक रहेगी। ऐसे में आज प्रातः 9:16 से मध्यान 1:17 तक चर, लाभ और अमृत का चौघड़िया मुहूर्त रहेगा। इस दौरान गोवर्धन और अन्नकूट की पूजा करना लाभकारी और मंगल दायक होगा।

