चित्र कि नहीं चरित्र की पूजा होती है -आचार्य मुकेश मिश्रा

टेलीग्राम न्यूज नेटवर्क

बरेली, टेलीग्रामसंवाद। रोहिली टोला प्राचीन शिव मंदिर पीपल नीचे चल रही सप्त दिवसीय श्री राम कथा का विश्राम किया गया। विश्राम दिवस में व्यास मंचासीन आचार्य मुकेश मिश्रा ने कथा के दौरान मेघनाद वध, रावण वध और राम के राज्याभिषेक का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि जीवन में अगर हम भी अपने हृदय भवन में सीता सहित राम को धारण कर लेवें, तो हमारा जीवन सफल हो जाए, जो राम जी का कृपा पात्र बन जाता है उस पर सारा जगत कृपा बरसाता है। इसलिए चित्र कि नहीं चरित्र की पूजा होती है।उन्हाेंने कहा कि संसार में बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जाए वह अच्छाई के सामने कभी टिक नहीं सकती।अच्छाई और सच्चाई की सदा ही विजय होती है। पापियों के पाप का घड़ा आखिर भरता ही है। उसके पाप ही उस व्यक्ति के अंत का कारण बन जाते है। भगवान पापियों का विनाश करते ही है। इसलिए व्यक्ति को सदा ही सन्मार्ग पर ही चलना चाहिए। कथा व्यास आचार्य ने कहा कि मानव जीवन पाया है तो मानव जीवन को साकार करने का एक मात्र सहारा राम का नाम ही है। रामचरित मानस भव्य अलौकिक और मानव जीवन उद्धार के लिए ही है। उन्होंने कहा की राम के नाम का स्मरण करते रहना जीवन को सन्मार्ग पर ले जाता है।


कथा विश्राम में उन्होंने राम राज्याभिषेक के साथ राम की महिमा को गाया। जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इस अवसर पर व्यास ने सभी भक्तों से कहा कि गोमाता की सेवा माता-पिता की सेवा मस्तक पर तिलक लगाना। गुरुजनों ब्राह्मण जनों का सम्मान करना। सदैव राम का कृष्ण का ध्यान करने का संकल्प सभी से कराया। इससे पहले कथा के मुख्य यजमान अवधेश कुमार मिश्रा और उनकी पत्नी उषा मिश्रा ने वेद विधान से व्यासपीठ की पूजा अर्चना की। पंडित कौस्तुभ पाठक और पंडित ऋषि पाठक ने वेद मंत्रों से विधिवत पूजन संपन्न कराया। इस मौके पर अशोक महाराज, वीरेंद्र पांडे,श्याम कुमार मिश्रा एम०एल०डी० संस्कृत विद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ चंद्र सेन पाठक, निशांत मिश्रा, रुपेश मिश्रा, विश्रुत मिश्रा, क्षितिज पाण्डेय, पारस धीरज आशीष प्रभव शर्मा और गणेश कमेटी के सदस्यो का विशेष सहयोग रहा।

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Author: Telegram Samvad