बरेली, टेलीग्राम हिंदी। पुराना शहर के मीरा पैट स्थित ठाकुर जी महाराज मंदिर में बह रही भागवत मंदाकिनी के चतुर्थ दिवस पर कथावाचक आचार्य मुकेश मिश्रा ने ध्रुव-चरित्र सुनाया कहा कि श्रीमद् भागवत कथा भारतीय संस्कृति की वृहद व्याख्या है। उन्होंने कहा कि मनुष्य ही उत्तानपाद है, जीव की दो वृतियां ही उसकी दो पत्नियां सुरुचि व सुनीति हैं। सुरुचि के अनुसार पुत्र उत्तम तो होता है, लेकिन माता-पिता का कल्याण करेगा, इसमें संदेह है।जबकि सुनीति के अनुसार यदि जीवन जिया जाय तो बालक ध्रुव की तरह निश्चय ही कल्याणकारी होता है। आचार्य ने बताया कि भगवान के भक्तों को मृत्यु नहीं मारती, अपितु वह मृत्यु के मस्तक पर पैर रखकर भगवान के धाम की यात्रा करते हैं। इसीलिए भक्त ध्रुव सीधे भगवान के धाम में गए।

कथा व्यास ने श्रीकृष्ण जन्म रामअवतार सहित 24 अवतारों की कथाओं का वर्णन किया। कृष्णजन्मोत्सव की धूम देखते ही बन रही थी। कथा में नंदोत्सव की धूम अद्भुत थी! ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो समूचा पंडाल ही गोकुल बन गया हो। व्यास मंच की पूजा अर्चना वेद प्रकाश गुप्ता ने की इस मौके पर मंदिर ट्रस्ट के सचिव गिरजा किशोर गुप्ता, शशि गुप्ता, कमलेश गुप्ता, सुनील शर्मा, संजू गुप्ता, पंकज गुप्ता, गौरव गुप्ता, ममता गुप्ता, मुरारी गुप्ता, संजीव गुप्ता, सुरेश गुप्ता, राजीव गुप्ता, विष्णु गुप्ता सहित भारी संख्या में सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।


