शासन ने जारी किया नया फरमान छुट्टी पर जाने से पहले लेनी होगी कमिश्नर-डीएम से परमिशन
बरेली, टेलीग्राम हिंदी। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) हो या फिर अन्य इंजीनियरिंग विभाग। ज्यादातर इन विभागों में अफसर अक्सर नदारद ही रहते हैं मालूम करने पर पता चलता है कि साइट पर है लेकिन कौन सी साइट पर गए हैं कब आएंगे कब गए थे कोई बताने को तैयार नहीं यहां तक कि उनका नंबर भी स्टाफ नहीं बताता है।
बताया जाता है कि साइट पर जाने के नाम पर अधिकतर इंजीनियर सैर सपाटा अथवा निजी कार्य हेतु बाहर चले जाते हैं लेकिन अब यह सब नहीं हो पाएगा क्योंकि मुख्यालय छोड़ने अथवा कहीं भी जाने या फिर अवकाश पर जाने से पहले कमिश्नर-डीएम से परमिशन लेना अनिवार्य होगा।
अवकाश संबंधी नियमों में बदलाव
लोनिवि ने अधीक्षण अभियंता (एसई) और जिलों में तैनात अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) आदि अफसर द्वारा मनमाने तरीके से अवकाश पर जाने पर अंकुश लगा दिया है इसके तहत आदेश भी जारी हो गया है।
नई व्यवस्था के तहत छुट्टी पर जाने से पहले कमिश्नर-डीएम से मंजूरी लेनी होगी। कमिश्नर-डीएम से अनुमति पर ही जिला मुख्यालय छोड़ सकेंगे। प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग ने यह आदेश विभागीय मुख्य अभियंता यानी ईएनसी को दिया है।
लोनिवि अफसरों में मची खलबली

अवकाश संबंधी नया नियम लागू होने से पीडब्ल्यूडी अफसरों में खलबली मची हुई है। क्योंकि अफसर अचानक जिलों से ईएल, और सीएल के नाम पर जिला मुख्यालयों से छुट्टी पर चले जाते थे। वापस आकर अवकाश प्रार्थना पत्र फाड़ कर फेंक देते थे और अपनी फर्जी उपस्थिति दिखाते थे। जिसके चलते विकास योजनाएं प्रभावित हो रहीं थीं। फोन करने पर रिसीव नहीं होता था अथवा स्विच ऑफ रहता था।
कमिश्नर-डीएम बैठकों में नदारद
कमिश्नर-डीएम बैठकों से भी यह अफसर अक्सर नदारद रहते थे। अपने जूनियर अधिकारी को भेजकर कहलवा देते थे कि साहब शासन में आयोजित बैठक में भाग लेने गए हैं। गायब होने संबंधी दर्जनों शिकायतें शासन तक पहुंच रही थीं। बताया जाता है कि शासन ने इसे काफी गंभीरता से लिया। जिसके चलते प्रमुख सचिव लोनिवि ने बरेली समेत सभी मुख्य अभियंता (चीफ इंजीनियर) को पत्र भेजा है। पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि कमिश्नर-डीएम अनुमति बिना जिला मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। निर्देश दिए हैं कि नई व्यवस्था कड़ाई से लागू कराई जाए, इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्यवाही भी सुनिश्चित करें।
बैठकों से नदारद अफसरों से माननीय भी प्रभावित
जनप्रतिनिधियों ने लोक निर्माण विभाग में हो रही मनमानी और कार्यालय व बैठकों से अफसरों के गायब होने की शिकायत शासन तक पहुंचाई थी। बताया जाता है कि मंडल और जिला प्रभारी मंत्री बैठकों में भी इंजीनियर समेत अन्य संबंधित बड़े इंजीनियर नहीं पहुंचते थे। हर माह डीएम जनप्रतिनिधियों संग आयोजित बैठक में भी इंजीनियर गायब रहते थे और जूनियर अधिकारी को भेज कर खानापूर्ति कराते थे। शासन ने इसे काफी गंभीरता से लेते हुए अवकाश संबंधी आदेश जारी किया है।


