वंदेमातरम में कोई भी विवादित शब्द नही इल्म सबको हासिल करना चाहिए : राज्यपाल

पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

बरेली। सर्किट हाउस में आयोजित उलेमा मौलाना शहाबुद्दीन की लिखी पुस्तक मुफ़्ती-ए-आज़म हिन्द और उनके खुलफा का विमोचन कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शिरकत की। कार्यक्रम में आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि अल्लाह इंसाफ करने वालों को पसन्द करता है। उन्होंने कहा है कि कश्मीरी पंडितों को उनका घर छोड़ने पर मजबूर किया गया, अल्लाह का अजाब उन पर काबिज होगा। अल्लाह केवल एक जगह हथियार उठाने की इजाजत देता है, जब किसी पर जुल्म हो रहा हो। कश्मीरी पंडितों का दर्द बयान करते हुए कहा कि जिन लोगों ने कश्मीरी पंडितों को घर छोड़ने पर मजबूर किया तो क्या उन पर अल्लाह का कहर नही बरपेगा । कुरान में किसी को उसके घर से बेघर कर करना ही ज़ुल्म है। कहा कि देश में हजारों साल विदेशी हुकूमत रही फिर भी इस देश की संस्कृति पर कभी खतरा नहीं पैदा हुआ। अल्लाह अलग अलग धर्म और लोगों को बनाये रखना चाहता है तो तुम लोग अल्लाह के मर्जी में दखल क्यों दे रहे हो। इल्म सबको हासिल करना चाहिए क्योंकि इल्म की रोशनी से सारे मसले हल हो जाते हैं। पाकिस्तान की दुर्दशा पर दबे लफ्ज़ो में कहा कि वहां भुखमरी के हालत है। हमारा पडोसी मुल्क हमारी मर्ज़ी के खिलाफ बना पर हम नही चाहते कि वह टूटे।

वंदेमातरम में कोई भी विवादित शब्द नही है।

आरिफ मोहम्मद खान ने इल्म हासिल करने पर जोर दिया। सलाह दी कि कुरान को समझ कर पढ़े। खुद से रोज सवाल करें कि आज हमने समाज को क्या दिया है, बोले कि लोगो की आलोचना ने मुझे बारीकी से कुरान पढ़वा दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अधिकारों पर कम दायित्वों पर अधिक जोर देती है। उन्होंने विभिन्न संप्रदायों की साझा संस्कृति के उदाहरण भी दिये। कहा कि भारत की संस्कृति ज्ञान के संवर्धन के लिए जानी जाती है। भारत की विविधता को स्वीकार ही नहीं किया बल्कि सम्मान भी दिया गया। हम स्वीकार ही नही सम्मान भी करते है। यहाँ सभी धर्मो का सम्मान होता है, यहां की परंपरा वैदिककाल की परंपरा है। आदिकाल से ही हमारी विविधता की कल्पना का मतलब सह अस्तित्व और स्वीकार्यता रहा है । विविधता को स्वीकार करना एकता को मजबूत करने का जरिया है।

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Author: telegramsamvad