



कानपुर। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कानपुर के मर्चेंट चैंबर में आयोजित समारोह में कहा कि अब ऐसे उद्योगों को स्थापित करें, जो पर्यावरण के अनुकूल हों। राष्ट्रपति ने शनिवार को मर्चेंट चैंबर के 90 वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोह में प्रदूषण कम करने पर जोर दिया।
राष्ट्रपति बोले वर्तमान में चल रहे उद्योगों में प्रदूषण कम करने की दिशा में कार्य करें। ऐसे उद्योग और व्यापार जगत से अपेक्षा की जाती है कि प्रदूषण की समस्या को मिटाने में सहयोग करते हुए कानपुर और गंगा को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान करेंगे। कहा कि विश्व में अनेक कंपनियां जीरो कार्बन अर्थव्यस्था में अपना योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों की स्थापना में प्रतिभावान छात्र और उद्यमियों की छमता इसे संभव बना सकती है।
राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन एक विकराल समस्या के रूप में हमारे सामने है। अगर इस चुनौती से निपटने के प्रयास हम अभी से प्रयास नहीं करेंगे तो वर्तमान के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियां भी अनेक कठिनाइयों का सामना करेंगी। इन्हीं चुनौतियों का ध्यान रखते हुए भारत सरकार ने 26 शिखर सम्मेलन में घोषणा की है कि वर्ष 2030 तक भारत अपने कार्बन उत्सर्जन को एक बिलियन से घटा देगा और वर्ष 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास करेगा।
उन्होंने कहा कि कानपुर की महत्वपूर्ण भौगोलिक स्थिति और गंगा नदी के रूप में सुलभ यातायात के साधन को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने भी यहां पर उद्योगों को बढ़ावा दिया, जिससे इस शहर को मैनचेस्टर आफ ईस्ट और लेदर सिटी ऑफ द वल्र्ड के रूप में पहचान मिली लेकिन यही औद्योगिक विकास कानपुर और गंगा के प्रदूषण का प्रमुख कारण बन गया। भारत सरकार नमामि गंगे के तहत गंगा को स्वच्छ और साफ रखने के लिए प्रयत्नशील है लेकिन इस मिशन की सफलता के लिए सभी भागीदारों का सहयोग होना बहुत आवश्यक है।
