- पूर्वी यूपी के खतरनाक गिरोहों का खात्मा करने वाले साहसी अफसर
- अजय साहनी को पुलिस बल में ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के रूप में जाना जाता है
विशेष प्रतिनिधि
टेलीग्राम संवाद,लखनऊ/बरेली । वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अजय कुमार साहनी, जिन्होंने अब तक 52 एनकाउंटर का नेतृत्व किया है, को इस वर्ष राष्ट्रपति का वीरता पदक प्रदान किया जाएगा। यह उनके करियर का तीसरा राष्ट्रपति वीरता पदक होगा।
2009 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी साहनी को पुलिस बल में ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के रूप में जाना जाता है। उन्हें यह सम्मान गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2020) के दिन मेरठ में एक उच्च जोखिम वाले सशस्त्र ऑपरेशन के दौरान असाधारण साहस दिखाने के लिए चुना गया। उस दिन का ऑपरेशन राष्ट्रपति पदक के उद्धरण में “खुले मैदान में जान की बाजी लगाकर लड़ी गई लड़ाई” के रूप में दर्ज है।
पदक की अनुशंसा में साहनी की “दुर्लभ से दुर्लभ” बहादुरी, नेतृत्व क्षमता और जीवन पर सीधे खतरे के बीच कर्तव्य के प्रति समर्पण की सराहना की गई है।
साल 2020 में, मेरठ के एसएसपी रहते हुए साहनी को सूचना मिली कि दो हथियारबंद लुटेरे मोटरसाइकिल से ट्रांसपोर्ट नगर थाना क्षेत्र में कई लूटपाट कर रहे हैं। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो अपराधियों ने पुलिस पर गोलियां चला दीं और मेरठ-दिल्ली बाइपास (NH-58) की ओर भागने लगे।
यह वीरता भरा अभियान साहनी के साहस, तत्परता और नेतृत्व का प्रतीक माना गया, जिसके लिए उन्हें एक बार फिर सर्वोच्च पुलिस सम्मान से नवाजा जाएगा।
पूर्वी यूपी के खतरनाक गिरोहों का खात्मा करने वाले साहसी अफसर — आईपीएस अजय साहनी
आईपीएस अजय कुमार साहनी, जिनका नाम यूपी पुलिस के बहादुर और बेखौफ अफसरों में लिया जाता है, ने अपने साहस और नेतृत्व से पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई कुख्यात अपराध सिंडिकेट्स को ध्वस्त किया है।घटना 26 जनवरी 2020 की है। मेरठ में हाई अलर्ट के बीच सूचना मिली कि दो हथियारबंद लुटेरे कई वारदातों को अंजाम देकर भाग रहे हैं। साहनी, क्राइम ब्रांच की सर्विलांस टीम के साथ, उनके भागने का रास्ता काटने पहुंचे। घिरने पर अपराधियों ने गोलियां बरसाईं, जिसमें थानाध्यक्ष दिनेश कुमार और हेड कांस्टेबल मनोज कुमार घायल हो गए। इस मुठभेड़ में, एक गोली साहनी के सीने के बेहद करीब से निकली, लेकिन वे डटे रहे और पलटवार में कुख्यात गैंगस्टर चंद उर्फ़ काले — जिस पर ₹1 लाख का इनाम और 40 से अधिक मामले दर्ज थे — मार गिराया गया। घायल दोनों पुलिसकर्मियों को भी वीरता पदक से सम्मानित किया गया।
फरवरी 2020 में, साहनी के नेतृत्व में मेरठ में हुई एक और मुठभेड़ में दिल्ली के कुख्यात नायडू गैंग के सरगना शिव शक्ति नायडू को ढेर किया गया। ₹8 करोड़ की डकैती में शामिल और ₹1 लाख का इनामी नायडू दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में दर्जनभर से अधिक मामलों में वांछित था।
इसी वर्ष, साहनी ने ₹50 हजार के इनामी अपराधी सुजीत सिंह उर्फ़ बुधवा — डी-9 गैंग के सरगना — को भी मार गिराया, जो रामपुर जेल से फरार होकर आज़मगढ़ में छिपा था। इस अभियान के बाद पूर्वी यूपी के सबसे खतरनाक गिरोहों में शुमार डी-9 गैंग पूरी तरह खत्म हो गया।
साल 2016 में सिद्धार्थनगर में तैनाती के दौरान, साहनी ने कुख्यात बावरिया गिरोह के कई सदस्यों को मुठभेड़ में पकड़वाया। उस मुठभेड़ में एक गोली उनके बुलेटप्रूफ जैकेट में लगी थी, लेकिन वे बिना डरे ऑपरेशन का नेतृत्व करते रहे।
अजय साहनी का पुलिस करियर सिर्फ आंकड़ों का नहीं, बल्कि उस जज़्बे और जंग का प्रमाण है, जो कानून की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने से भी पीछे नहीं हटता।






