- एंटी करप्शन टीम ने ली तलाशी, बैग से 1.76 लाख रुपये मिले
- बिल संशोधन करने के नाम पर लिए थे 20 हजार रुपये
- बैग से बरामद रकम का नहीं दे पाया लिपिक हिसाब
टेलीग्राम संवाद
बरेली। बिजली विभाग में भ्रष्टाचार और मनमानी नहीं रख पा रही है। चीफ इंजीनियर प्रथम लगातार विभागीय छवि सुधारने में लगे हुए हैं। उनसे कदमताल दोनों अधीक्षण अभियंता कर रहे हैं। फिर भी रिश्वत खोर स्टाफ नहीं मान रहा है। शनिवार शाम अधिशासी अभियंता प्रथम ग्रामीण क्षेत्र कार्यालय में लिपिक रंगे हाथ रिश्वतखोरी में धरा गया। विभाग निलंबित करने हेतु कार्रवाई कर रहा है।
भ्रष्टाचार खिलाफ अभियान में एंटी करप्शन टीम ने शनिवार शाम बड़ी सफलता हासिल कर ली। मुख्य अभियंता कार्यालय परिसर में तैनात विद्युत विभाग लिपिक (बाबू) अजीत कुमार को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ लिया लिया।

भ्रष्टाचार निवारण संगठन टीम प्रभारी निरीक्षक इश्तियाक वारसी ने बताया कि केवल आरोपी को घूस लेते हुए गिरफ्तार ही नहीं किया किया, बल्कि उसके बैग की तलाशी में 1.76 लाख रुपये की नकद राशि भी बरामद की है। रिश्वतखोर आरोपी बाबू कोई वैध स्रोत आरोपी नहीं बता सका।
एंटी करप्शन टीम शनिवार शाम अधिशासी अभियंता प्रथम ग्रामीण कार्यालय पहुंची थी। यहीं पर आरोपी बाबू अजीत कुमार रिश्वत ले रहा था। टीम ने मौके पर ही उसे धर दबोचा और फिर कोतवाली ले जाकर उससे पूछताछ की गई। बाद में पुलिस ने आरोपी के आवास और कार्यालय में भी तलाशी अभियान चलाया। अजीत के बैग से मिले 1.76 लाख रुपये को भी जब्त कर लिया गया है।
पूछताछ दौरान आरोपी इस राशि का कोई स्पष्ट हिसाब नहीं दे सका और न ही कोई रसीद या दस्तावेज प्रस्तुत कर पाया। एंटी करप्शन टीम को संदेह है कि यह रकम भी रिश्वत की ही हो सकती है। जिसका बाबू विभाग में बंटवारा करता होगा। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
बरेली में एंटी करप्शन छापा कार्रवाई से बिजली विभाग में हड़कंप मच गया है। उधर, विभागीय अफसर रिश्वतखोर लिपिक को निलंबित करने की तैयारी में लग गए हैं।




