



पिछले वित्तीय वर्ष में चला अभियान, दवाइयां मिलीं गड़बड़
विशेष संवाददाता
टेलीग्राम संवाद, बरेली। औषधि विभाग लैब में पैरासिटामोल समेत दो दर्जन दवाइयां जांच में खरी नहीं उतरी हैं। इसका खुलासा विभाग द्वारा जारी एक रिपोर्ट में किया गया है। जिन दावों के सैंपल लिए गए थे उनका स्टॉक औषधि माफियाओं ने बाजार में खपत कर दिया। विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में 18 छापामार कार्यवाही कर 8 लाख रुपये की अवैध औषधि सीज की 23 नमूने लिए। जिसमें 20 अधोमानक व 3 मिथ्या छाप पाए गए हैं।

खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश जनपद बरेली द्वारा वित्तीय वर्ष 2024
-2025 में औषधियों के अवैध कारोबार के विरुद्ध छापेमार कार्यवाही का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत किया है। जिसमें बीते वित्तीय वर्ष में 18 छापामार कार्यवाही में अवैध औषधियों व्यापारियों के विरुद्ध की गई। कार्यवाही में 8.15 लाख की अवैध औषधियों को सीज किया गया साथ ही प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
अवैध औषधि व्यापार में लिप्त 4 दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सक्षम न्यायालय में परिवाद दाखिल किया गया है। कुल 10 निर्माण इकाइयों का निरीक्षण कर आख्या मुख्यालय लखनऊ प्रेषित की गई।


औषधि व कॉस्मेटिक उत्पाद कुल 394 नमूने जिसमें 376 औषधि नमूने 6 कॉस्मेटिक 12 वेटरनरी ड्रग्स के नमूने शामिल है। जांच व विश्लेषण हेतु संकल्पित कर राजकीय प्रोगशाला लखनऊ भेजे गए राजकीय विश्लेषक द्वारा 23 नमूनों को अमानक घोषित किया गया 20 नमूनों को अधोमानक व 3 नमूने मिथ्याछाप घोषित किए गए।
अधोमानक घोषित नमूनों में से कुल 14 प्रकरणों में सक्षम न्यायालय में दोषी पाए गए व्यक्तियों के विरुद्ध परिवाद दाखिल किया गया।

8 प्रकरणों में अन्य राज्यों में स्थित निर्माता फर्मों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की संस्तुति के साथ आख्या मुख्यालय प्रेषित की जा चुकी है। अग्रिम कार्यवाही प्रकरणों में संबंधित राज्यों से संपादित की जाएगी अन्य शेष प्रकरणों में विवेचना की प्रक्रिया प्रचलित है जिसमें विवेचना पूर्ण होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही होगी। छापा कार्रवाई में औषधि निरीक्षक राजेश कुमार, अनामिका, अंकुर जैन शामिल रहे।

राजेश कुमार औषधि निरीक्षक

