



- गायन और वाद्ययंत्र गुरुओं और शिष्यों ने किया प्रतिभा प्रदर्शन
टेलीग्राम संवाद
बरेली। एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार शाम गायन व वाद्ययंत्र गुरु उमेश मिश्रा (सारंगी), सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), सुमन बिस्वास (मृदंगम), टुकमनी सेन (हारमोनियम), सूरज पांडे (बांसुरी), अमर नाथ (तबला), अनुग्रह सिंह (कीबोर्ड-ड्रम), विशेष सिंह (गिटार), सुरेंद्र (कांगो), रोनी फिलिप्स (सेक्सोफोन) और वाद्ययंत्र विद्यार्थियों डा.नम्रता सिंह, विवान अग्रवाल, अनुज सक्सेना, मंतिका अरोरा, गुरांश सिंह, नेहा पांडे, आयांश अग्रवाल, देव अग्रवाल, रिदित अग्रवाल और सार्थक कठेरिया ने अपनी प्रतिभा की जुगलबंदी से सिंफनी में तालियां बटोरीं।

कार्यक्रम इंस्ट्रूमेंटल गुरुओं ने गणेश वंदना से किया। फिर मिश्र पहाड़ी राग, ‘शोले टाइटल गीत’ और फिल्म जवानी दीवानी में आरडी वर्मन कंपोजीशन ‘जाने जां ढूंढता फिर रहा’ को अपने वाद्ययंत्रों से प्रस्तुत किया। अब बारी थी गायन गुरुओं स्नेह आशीष दुबे, प्रियंका ग्वाल और शालिनी पांडे की। जिन्होंने इंस्ट्रूमेंट गुरुओं की संगत में अपने विद्यार्थियों इंदू परडल, सोनम गुआल, अंशुमा अग्रवाल और स्वरित तिवारी साथ ‘अलबेला साजन आयो री’ को आवाज दी।

फिल्म अजनबी गाने ‘भीगी भीगी रातों में’ को फोटोग्राफी गुरु गौरव ने अपने स्वर दिए। गायन गुरु प्रियंका ग्वाल ने ‘काहे बनाये बतीया’ और गुरु शालिनी पांडे ने ‘सावरे’ को अपनी आवाज में श्रोताओं के सामने प्रस्तुत किया। मंच फिर इंस्ट्रूमेंटल गुरुओं ने संभाला और ‘ताल से ताल मिला’ और ‘अप्सरा आली’ को अपने वाद्ययंत्रों से पेश किया। एसआरएमएस ट्रस्ट संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा. शैलेश सक्सेना और कई लोग मौजूद रहे।


