



यामिनी आर्ट गैलरी में सजी देश के सात राज्यों की 70 उत्कृष्ट चित्रकृतियाँ, कलाकारों की रचनाओं को दर्शकों ने सराहा
टेलीग्राम संवाद
बरेली। युगवीणा लाइब्रेरी स्थित यामिनी आर्ट गैलरी में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी का समापन आज गरिमामयी वातावरण में संपन्न हुआ। इस अवसर के मुख्य अतिथि वरिष्ठ शिक्षाविद् व साहित्यकार डॉ. सबीन अहसन रहीं, जिनके कर-कमलों से इस कला-आयोजन का औपचारिक समापन हुआ। उनके साथ मंच पर मोहम्मद कलीमुद्दीन एवं डॉ. अमीन मुराद विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
प्रदर्शनी में देश के सात राज्यों से आई 70 से अधिक चित्रकृतियों ने यामिनी आर्ट गैलरी को एक जीवंत कला-पट पर बदल दिया। डॉ. अनु महाजन और जसप्रीत मोहन की चित्रकृतियों को दर्शकों से विशेष सराहना मिली। उनकी रचनाओं में आधुनिक दृष्टिकोण के साथ भारतीय सांस्कृतिक चेतना की गूंज स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हुई।
प्रमुख प्रतिभागी कलाकारों में डॉ. रागिनी मिश्रा, वैष्णवी शर्मा, निर्दोष कुमार, दीक्षा, रुचि दिवाकर, अनमोल शंखधार, चरितार्थ, रोशनी, प्रियंका शर्मा, विराट भारद्वाज, श्रेय भारद्वाज, एम. एस. फराज और रूकसार ने अपनी मौलिक कला अभिव्यक्तियों से दर्शकों को प्रभावित किया।
दर्शकों ने प्रत्येक चित्रकला को गहराई से देखा, सराहा और कलाकारों से संवाद भी किया, जिससे कला और समाज के बीच एक सजीव सेतु स्थापित होता प्रतीत हुआ।
इस अवसर पर सांस्कृतिक व सामाजिक क्षेत्र से जुड़े अनेक विशिष्टजन—मयंक शुक्ला, परवेज यार खान, सलमान शम्सी, शिरोज कुरैशी, रजत मिश्रा, तनु अग्रवाल एवं गरिमा सिंह—की उपस्थिति ने आयोजन को और भी गरिमा प्रदान की।
प्रदर्शनी का समुचित संचालन व संयोजन आयोजन समिति द्वारा किया गया, जिसमें अध्यक्ष परमानंद, उपाध्यक्ष श्री कृष्ण और संस्थापक उमेश चंद्र की भूमिका विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। उनकी प्रतिबद्धता और टीमवर्क ने इस आयोजन को न केवल सफल बनाया, बल्कि इसे बरेली के कला परिदृश्य में एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में भी दर्ज कराया। यह प्रदर्शनी सिर्फ चित्रों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि विचारों, अनुभूतियों और संवेदनाओं का उत्सव भी रही—जहाँ कला, संस्कृति और संवाद का त्रिवेणी संगम देखने को मिला।


