चुनाव आयोग ने छह साल से चुनाव न लड़ने वाले राजनीतिक दलों पर कसा शिकंजा
30 सितम्बर तक अंशदान और 31 अक्टूबर तक आय-व्यय रिपोर्ट देना अनिवार्य
विशेष प्रतिनिधि
टेलीग्राम संवाद, लखनऊ/ बरेली। भारत निर्वाचन आयोग निर्देश पर उत्तर प्रदेश मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने उन राजनीतिक दलों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, जो पिछले छह वर्षों से लोकसभा या विधानसभा चुनावों में सक्रिय नहीं हैं। बुधवार 03 सितम्बर सुबह मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में इन दलों की सुनवाई हुई।
उत्तर प्रदेश में पंजीकृत 121 राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। इनमें से 51 दलों को सुनवाई के लिए बुलाया गया, लेकिन सिर्फ 17 दल ही उपस्थित हुए, और अपने दस्तावेजों के साथ पक्ष रखा। इस दौरान दलों की अंशदान रिपोर्ट, वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट और चुनावी व्यय विवरण जांच की गई।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि हर दल को 30 सितम्बर तक अंशदान रिपोर्ट और 31 अक्टूबर तक आय-व्यय रिपोर्ट देना अनिवार्य है। इसी तरह लोकसभा चुनाव बाद 90 दिन और विधानसभा चुनाव बाद 75 दिन में आय-व्यय का पूरा ब्यौरा निर्वाचन आयोग को भेजना होगा। साथ ही 20 हजार रुपये से अधिक का प्रत्येक चंदा भी रिपोर्ट में दर्ज करना जरूरी है।
उत्तर प्रदेश मुख्य चुनाव अधिकारी नवदीप रिणवा ने राजनीतिक दलों प्रतिनिधियों को चेतावनी दी कि यदि समय पर रिपोर्टे जमा नहीं की गईं तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि हर पार्टी अपने ईमेल, मोबाइल नंबर और वर्तमान पते को अपडेट रखे ताकि आयोग से जुड़ी जानकारी समय पर पहुंच सके।

दो दिन यानी 2 और 3 सितम्बर सुनवाई दौरान अब तक 121 दलों में से 55 दलों ने ही भाग लिया है। सुनवाई में गदर पार्टी (प्रतापगढ़), नवचेतना पार्टी (मैनपुरी), नवीन समाजवादी दल (प्रयागराज), निस्वार्थ सेवा राष्ट्र सेवा पार्टी (प्रयागराज), पूर्वांचल क्रांति पार्टी (जौनपुर), राष्ट्रवादी इंसान पार्टी (प्रयागराज), राष्ट्रवादी समाज पार्टी (कानपुर नगर), राष्ट्रीय बंधुत्व पार्टी (प्रयागराज), आम जन क्रांति पार्टी (इटावा), राष्ट्रीय लोकतंत्र दल (हापुड़), राष्ट्रीय मानव विकास पार्टी (अमरोहा), सामूहिक एकता पार्टी (कानपुर नगर), सर्वप्रिय समाज पार्टी (इटावा), सत्य शिखर पार्टी (अयोध्या), यूथ सोशलिस्ट पार्टी (मुरादाबाद), युवा अनुभव पार्टी (गोरखपुर) और भारतीय युवा स्वाभिमान पार्टी (औरैया) प्रतिनिधि शामिल हुए।



