आंवला आईओसी डिपो से आया था रोडवेज वर्कशॉप में डीजल से भरा टैंकर
आर बी लाल
बरेली, टेलीग्रामसंवाद। परिवहन निगम अफसर ने बिना किसी जांच पड़ताल भ्रम फैला दिया कि इंडियन ऑयल कारपोरेशन द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले डीजल टैंकर में पानी है। जबकि जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला। बताया जाता है कि सप्लाई पाइपलाइन की सफाई के बाद कुछ गारद आ गई थी।

आंवला स्थित इंडियन ऑयल कारपोरेशन डिपो से बरेली समेत विभिन्न स्थानों तक पेट्रोलियम पदार्थों की सप्लाई होती है। जिसमें रेलवे, सेना, रोडवेज, पेट्रोल पंप आदि शामिल है। टेलीग्राम संवाददाता ने बुधवार दोपहर आंवला स्थित डिपो पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया, तब पता चला कि 20 नवंबर को वहां पर पाइप लाइनों की नियमित सफाई हुई थी। पाइपलाइन में प्रति 05 वर्ष में सफाई आदि कार्य होता है।

जानकार सूत्रों ने बताया कि पाइपलाइन सफाई होने के बाद उसमें कुछ गारद आ जाती है जो कभी-कभी पेट्रोलियम पदार्थ सप्लाई में भी चली जाती है लेकिन पानी जैसा कुछ नहीं होता है। इसके बावजूद रोडवेज अफसर द्वारा डीजल टैंकर में पानी होने जैसी बात कही गई। जो जांच में सिद्ध नहीं हो पाई। हालांकि शिकायत मिलने पर तत्काल इंडियन ऑयल कार्पोरेशन प्रबंधन ने दूसरा डीजल टैंकर भरकर भेज दिया था।
पाइपलाइन सफाई कार्य होने से पहुंचा था गारद
बताया जाता है पाइपलाइन सफाई कार्य उपरांत दूसरे दिन यानी 21 नवंबर में पेट्रोलियम पदार्थों की सप्लाई हुई थी। सिर्फ रोडवेज में ही सप्लाई नहीं हुई बल्कि विभिन्न पेट्रोल पंप और प्रतिष्ठानों पर डीजल टैंकरों से सप्लाई हुई थी लेकिन वहां कहीं से भी कोई ऐसी समस्या नहीं आई।
जांच में नहीं मिला पानी
उधर, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) अफसरों ने कहा है कि कंपनी गुणवत्ता और शुद्धता पर पूरा ध्यान देती है, ऐसी स्थिति में डीजल में पानी संभव नहीं है। पाइपलाइन सफाई उपरांत कुछ गारद आ जाती है जो पेट्रोलियम उत्पाद सप्लाई में जाना संभव है। जिसे मिलावट नहीं कहा जा सकता है। जैसे ही हमें सूचना मिली कि बरेली रोडवेज वर्कशॉप में पहुंचे डीजल टैंकर में कुछ गड़बड़ी है तब टैंकर तुरंत बदल दिया गया। जांच में पानी और कोई अन्य पदार्थ नहीं पाया गया। बावजूद परिवहन निगम स्तर से गलत तथ्य जारी हुए हैं। जिससे अनावश्यक रूप से भ्रम फैला।
