परिवहन निगम कार्यालय में बस अनुबंधन परमिट जारी के नाम पर मांगी गई थी रिश्वत
बरेली, टेलीग्राम हिंदी। भ्रष्टाचार के आरोप में रोडवेज क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय के बाबू को एंटी करप्शन की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। अनुबंधित बस का परमिट जारी करने के नाम पर उस पर दस हजार की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। थाना सुभाषनगर में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
शाहजहांपुर में कोतवाली क्षेत्र के रंगीन चौपाल के रहने वाले शाहनवाज खान ने बताया कि उनकी बस बरेली शाहजहांपुर फर्रुखाबाद रोड पर चलती है। क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय में उन्होंने अनुबंध के लिए आवेदन किया था। अनुबंध हो गया था। परमिट देने के नाम पर ऑफिस के बड़े बाबू जगमोहन यादव 10 हजार की रिश्वत मांग रहे थे। जिस पर उन्होंने मामले की शिकायत 22 मई को एंटी करप्शन के सीओ श्याम बहादुर सिंह से की थी।
अब तक नौ भ्रष्टाचारियों को जेल भेज चुका है एंटी करप्शन
एंटी करप्शन के डिप्टी एसपी श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि विभाग योगी सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति पर चल रहा है। राजपत्रित अधिकारी के रिश्वत मांगने पर उनके मोबाइल नंबर 9454401653 पर कॉल करें। हाल ही में एंटी करप्शन ने एक लेखपाल को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। बरेली मुरादाबाद मंडल में इस वर्ष अब तक नौ भ्रष्टाचार करने वाले सरकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। आगे भी विभाग इस तरह से भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही करता रहेगा।
कार्यालय में अफरा-तफरी
एंटी करप्शन टीम ने जैसे ही संबंधित लिपिक जगमोहन यादव को दबोचा उसकी खबर तुरंत कार्यालय परिसर में फैल गई। जिससे कर्मचारियों में अफरा-तफरी जैसी स्थिति हो गई। जब बाबू ट्रैप हुआ उस समय क्षेत्रीय प्रबंधक खुद कार्यालय में मौजूद थे। जानकारी मिलते ही चुपचाप खिसक गए। बताया जाता है अनुबंधन बसों का परमिट हो या फिर कोई अन्य कार्य क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय में बिना लेनदेन कार्य कराना मुश्किल है। आरोप है कि कुछ अफसरों द्वारा अधीनस्थों से वसूली कराई जाती है जिसके चलते ऐसे मामले सामने आते हैं। दो साल पहले भी इस कार्यालय में ट्रैपिग हो चुकी है।

