बरेली, टेलीग्राम हिंदी। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में कृषि विज्ञान केन्द्र की वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक आहूत की गई। बैठक में निर्देशक डा त्रिवेणी दत्त ने बताया कि आगामी वर्ष में अब कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक किसानों तक पहुंचेंगे जो भी तकनीकें संस्थान द्वारा विकसित की गयी हैं उनका प्रक्षेत्र में प्रदर्शन होगा।

इसके साथ ही किसानों को दिये जाने वाले बीजों का वितरण भी उनके गांवों में ही दिया जायेगा। डा त्रिवेणी ने कहा कि इन कार्यों के लिए स्टेट लाइन डवलपमेंट का भी सहयोग लिया जायेगा तथा नाबार्ड, एफपीओ तथा आत्मा परियोजना के सदस्यों को साथ लेकर किसानों की आय दुगनी करने, उनकी जीवीकोपार्जन की स्थिति सुधारने का कार्य किया जायेगा साथ ही आईवीआरआई द्वारा प्रगतिशील किसान जो कृषि विज्ञान केन्द्र से प्रशिक्षण प्राप्त कर सफल हुये हैं वह अपने प्रगति को बतायेंगे जिससे किसानों को प्रेरित किया जा सके तथा उनकी आय बढ़ायी जा सके। इस समीक्षा बैठक का लक्ष्य किसानों की खेती में सुधार लाना तथा किसानों को वैज्ञानिक कृषि की ओर प्रेरित करना है।

इससे पूर्व कृषि विज्ञान केन्द्र प्रभारी डा बीपी सिंह ने कहा कि इस समीक्षा का उदेश्य प्रौद्योगिकी उत्पादों का मूल्यांकन कर सुधार करना है। इसके अतिरिक्त कृषकों एवं प्रसार कर्मियों का प्रशिक्षण एवं उनका कौशल विकास तथा विभिन्न सूचना तंत्रों के माध्यम से उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी हेतु जागरूकता फैलाना तथा जनपद स्तर पर कृषि प्रौद्योगिकियों एक ससांधन केन्द्र के रूप में कार्य करना है।

इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किये गये कार्यों का ब्यौरा रखा तथा आने वाले वर्ष में सम्पादित करने वाले लक्ष्यों के बारे में जानकारी दी। वही उर्वरता प्रबन्धन, उत्पादन एवं प्रबन्धन तकनीकें, प्रसंस्करण एवं मूल्य सम्बर्न्धन, एकीकृत पोषक तत्व प्रबन्धन, पशुधन उत्पादन एवं प्रबन्धन, डेयरी प्रबन्धन, सूकर प्रबन्धन, पशु बीमारी प्रबन्धन, आहार प्रबन्धन, गृह विज्ञान महिला सशक्तिकरण, मत्स्य पालन, सब्जियों की संरक्षित खेती, भेड़ एवं बकरी पालन, मशरूम उत्पादन, बागवानी फसलों में नर्सरी व्यवसाय, पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे। बैठक में जिला कृषि अधिकारी धीरेन्द्र कुमार चौधरी, जिला उद्यान अधिकारी पुनीत पाठक, धेर्मेंद्र कुमार, सुषमा,डॉ फैज़ मोहसिन समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
