उद्धव का एकनाथ शिंदे पर जोरदार हमला, कहा- दम है तो ठाकरे के नाम के बिना वोट मांग कर दिखाएं

मुंबई। महाराष्ट्र में उठे सियासी बवंडर के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपनी टूटती हुई पार्टी को बचाने की मशक्कत में शिद्दत से जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में शनिवार उन्होंने दादर स्थित शिवसेना भवन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में जब वह पहुंचे तब उनके समर्थन में शिवसैनिकों ने जोरदार अंदाज में नारे लगाए। उद्धव ने भी हाथ उठाकर अभिवादन किया। बैठक में शिवसेना से बगावत कर गुवाहाटी में बैठे एकनाथ शिंदे गुट के खिलाफ पार्टी कड़ा फैसला लिया है। उद्धव ने कहा कि एकनाथ अब दास बन गए हैं।

पार्टी के सभी फैसले लेने के अधिकार उद्धव ठाकरे के पास रहेंगे। उद्धव ने कहा शिंदे में अगर दम है तो अपने बाप के नाम पर वोट मांगकर दिखाएं। अब तक उन्हें शिवसेना और बाला साहेब ठाकरे के नाम पर वोट मिला है। दूसरी तरफ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे दफ्तर में भी तोड़फोड़ की गई है। यह दफ्तर ठाणे जिले के उल्हासनगर में है।

बागी विधायकों की मान्यता रद्द करने के लिए शिवसेना की तरफ से डिप्टी स्पीकर के पास अर्जी लगाई गई थी। जिस पर आज डिप्टी स्पीकर ने सभी बागी 16 विधायकों को नोटिस भेजा है। इस नोटिस का जवाब उन्हें सोमवार शाम 5 बजे तक अपने आधिकारिक ईमेल आईडी से देना होगा। यदि वह जवाब नहीं देते तो उन्हें हाजिरी लगानी पड़ेगी।

सेना भवन पर शिव सैनिकों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे को हमने बड़ी जवाबदारी दी थी। बालासाहेब ठाकरे के नाम के बिना वोट मांग कर दिखाएं। शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की थी और उन्हीं की रहेगी। शिवसेना मराठी अस्मिता और हिंदुत्व के लिए लड़ती रहेगी। उद्धव ने कहा मेरा पिता नहीं बल्कि अपने बाप के नाम पर वोट मांगकर दिखाओ। उद्धव ने कहा कि पहले नाथ थे लेकिन अब दास हो गए हैं।

बैठक में ये प्रस्ताव पास
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव पास किया गया है कि सभी तरह के निर्णय लेने के अधिकार पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के पास रहेंगे। बैठक में एक प्रस्ताव भी पास किया गया है कि शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे के नाम का उपयोग कोई नहीं कर सकता। बैठक में तीसरा प्रस्ताव यह पास किया गया है कि पार्टी से गद्दारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का पूरा अधिकार पार्टी प्रमुख को होगा।

telegramsamvad
Author: telegramsamvad