एक्सपायरी देसी घी रीपैक होकर बाजार में पहुंच रहा

एफएसडीए टीम ने भरे नमूने, नमकीन फैक्ट्री पर भी छापा

टेलीग्राम संवाद
बरेली। बरेली और आसपास जिलों में देसी घी कारोबार बड़े स्तर पर होता है। करोड़ों रुपए प्रति दिन इसका टर्नओवर है। इतना घी कहां से आता है, कहां बनता है। यह किसी को पता नहीं। इतना जरूर है एक्सपायरी घी बड़े कारोबारी से सस्ते में लेकर उसे पुन: नए लेवल यानी रीपैक कर बाजार में उतरा जा रहा है। श्यामगंज क्षेत्र में नॉन एडिबल देसी घी भी मिलता है। खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन (एफएसडीए) अफसरों तक जानकारी पहुंची तब उन्होंने छापा कार्रवाई कर बड़े प्रतिष्ठानों से तीन नमूने लिए।

हाथरस और कासगंज क्षेत्र से बड़ी मात्रा में देसी घी बरेली पहुंचता है। टैक्स चोरी कर इसकी बिलिंग कम दरों पर होती है। कुछ समय पहले एक बड़े प्रतिष्ठान का घी ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ा था। तब पता चला कि इसके तार जीएसटी और एफएसडीए विभाग तक जुड़े हुए हैं।

जिला अभिहित अधिकारी अपूर्व श्रीवास्तव तक गोपनीय सूचना पहुंची कि एक्सपायरी देसी घी दोबारा पैक कर बाजार में पहुंच रहा है। जिसमें बड़े कारोबारी शामिल बताए जाते हैं। रीपैकिंग कर नया ब्रांड नाम से उत्पाद तैयार कर बाजार में उतारा जा रहा है। इसकी पहुंच तहसीलों तक है। ब्रांडेड देसी घी देखकर उपभोक्ता इसे खरीदना है लेकिन यह नकली और एक्सपायरी भी हो सकता है।

तीन प्रतिष्ठानों से घी लिए नमूने

एफएसडीए टीम ने अचानक अवकाश होने पर भी रविवार दोपहर अभियान चलाकर रामा, श्यामा, प्रकाश ब्रांड देसी घी नमूना भरा। जिससे देसी घी कारोबारियोँ में खलबली मच हुई है।

उत्पादन कम फिर भी ऑन डिमांड देसी घी उपलब्ध

लगभग सभी मोहल्ले में देसी घी कारोबार हो रहा है। यह लोग अपना उत्पाद बताते हैं लेकिन डेयरी किसी के पास नहीं है। बरेली जिला में खपत और मांग से काफी कम उत्पादन होने पर भी ऑन डिमांड देसी घी बाजार में उपलब्ध है।

नमकीन निर्माताओं पर छापा जारी

एफएसडीए विभाग ने दूसरे दिन भी नमकीन फैक्ट्री पर छापा जारी रखा। रविवार अवकाश में अजंता, आलम फूड और बालाजी फूड्स से नमूने भरे गए। हाई कोर्ट निर्देश पर हो रही कार्रवाई से नमकीन निर्माता परेशान दिख रहे हैं। छापा टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी मुकेश वर्मा, इंद्रजीत सिंह, ज्योत्सना त्रिपाठी, करण सिंह, कमलेश शुक्ला, राघवेंद्र प्रकाश आदि मौजूद रहे।